एक ख़याल तेरा ही है, बाक़ी सब भूल गए इंतज़ार तेरा ही है, बाक़ी सब भूल गए धड़कनें यादों की बस अब लिए खोया हूँ मैं क्या करूँ? क्या करूँ? दिल बेहाल रहता ही है, बाक़ी सब भूल गए एक ख़याल तेरा ही है, बाक़ी सब भूल गए ♪ मैं हूँ, ग़म है, सूनापन है तुम भी होते, अच्छा होता किश्तों में ना चलती साँसें रंग भी चेहरे से ना उतरा होता इस तरह, इस तरह एतबार तेरा ही है, बाक़ी सब भूल गए एक सवाल तेरा ही है, बाक़ी सब भूल गए धड़कनें यादों की बस अब लिए खोया हूँ मैं क्या करूँ? क्या करूँ? दिल बेहाल रहता ही है, बाक़ी सब भूल गए एक ख़याल तेरा ही है, बाक़ी सब भूल गए