तू मुझे ढूँढती रही, जहाँ मैं हूँ नहीं कोई मुझे ढूँढकर मिला, मगर वो तू नहीं ये दिल को कहता भी कैसे? फ़ासले सहता भी कैसे? हाँ, इसे कैसे मैं समझाता? प्यार के दो तरीक़े हैं, इश्क़ के दो सलीक़े हैं एक तुझको नहीं आता, एक मुझको नहीं आता प्यार के दो तरीक़े हैं, इश्क़ के दो सलीक़े हैं एक तुझको नहीं आता, एक मुझको नहीं आता ♪ तू रूठ कभी जो जाए, मैं जानूँ ना मनाना हाँ, आधा ही लिखा है रब ने अपना अफ़साना ये कैसा इश्क़ है तेरा? मुझको दिन-रैन रुलाए ना दूर मैं हो पाती हूँ, ना पास भी आया जाए छोड़ूँ कैसे इसे अधूरा? चाहकर भी होगा ना पूरा ये जज़्बातों का समझौता प्यार के दो तरीक़े हैं, इश्क़ के दो सलीक़े हैं एक तुझको नहीं आता, एक मुझको नहीं आता प्यार के दो तरीक़े हैं, इश्क़ के दो सलीक़े हैं एक तुझको नहीं आता, एक मुझको नहीं आता प्यार के दो तरीक़े हैं, इश्क़ के दो सलीक़े हैं एक तुझको नहीं आता, एक मुझको नहीं आता प्यार के दो तरीक़े हैं, इश्क़ के दो सलीक़े हैं एक तुझको नहीं आता, एक मुझको नहीं आता दिलों के तार टूटे हैं जब से नींद से नैन रूठे हैं तब से मैं कैसे तुझको दिल की बात बताऊँ? प्यार के दो तरीक़े हैं, इश्क़ के दो सलीक़े हैं एक तुझको नहीं आता, एक मुझको नहीं आता