इस लम्हे को रोक दूँ या मैं ख़ुद को इसमें झोंक दूँ? क्या करूँ? क्या करूँ? क्या करूँ? इस लम्हे में मैं कुछ भी जानूँ ना नैना-नैना लागे, नैना-नैना लागे नैना-नैना लागे, नैना-नैना लागे तोहसे नैना जब से मिले... तोहसे नैना जब से मिले, बन गए सिलसिले तोहसे नैना जब से मिले... तोहसे नैना जब से मिले, बन गए सिलसिले तोहसे नैना जब से मिले... ओ, सुध-बुध खोई है, खोई मैंने हाँ, जान गँवाई, गँवाई मैंने हाँ, तुझको बसाया है धड़कन में, साँवरे ओ, सुध-बुध खोई है, खोई मैंने हाँ, जान गँवाई, गँवाई मैंने हाँ, तुझको बसाया है धड़कन में, साँवरे तोहसे नैना जब से मिले... तोहसे नैना जब से मिले, बन गए सिलसिले नैना-नैना लागे, नैना-नैना लागे नैना-नैना लागे, नैना-नैना लागे ♪ ख़ुद को खोकर तुझको पाया इस तरह से मुझको जीना आया ख़ुद को खोकर तुझको पाया इस तरह से मुझको जीना आया तेरी लगन में सब है गँवाया इस तरह से मुझको जीना आया तेरी हँसी, मेरी ख़ुशी मेरी ख़ुशी तू ही तोहसे नैना जब से मिले... तोहसे नैना जब से मिले, बन गए सिलसिले नैना-नैना लागे, नैना-नैना लागे नैना-नैना लागे, नैना-नैना लागे