बेक़रार, बेक़रार, बेक़रार बेक़रार सूनी-सूनी राहों पे है तेरा ही इन्तेज़ार जली-बुझी साँसों में अब तेरा ही है ख़़ुमार न जाने मैंने क्या खोया, क्या पाया कुछ भी ना समझे यहाँ भूला के सारी बातों को जी आया फिर भी ना आये करार बेक़रार, बेक़रार... बेक़रार बेक़रार बातों ने, बातों ने है, मुझको घेरा अभी बातों ने, बातों ने है, मुझको घेरा अभी तू मिल जाए यही बस सोचूँ मैं हर घड़ी क्यूँ तरसाए मुझे आखिरी है मेरी ये सजा बेक़रार, बेक़रार... बेक़रार बेक़रार सूनी-सूनी राहों पे है तेरा ही इन्तेज़ार जली-बुझी साँसों में अब तेरा ही है ख़़ुमार न जाने मैंने क्या खोया, क्या पाया कुछ भी ना समझे यहाँ भूला के सारी बातों को जी आया फिर भी ना आये करार बेक़रार, बेक़रार... बेक़रार बेक़रार