घुल गया हूं तुझमे कुछ ऐसे कोई फर्क नहीं महसूस होता है न जाने मै कहाँ ख़त्म होता हूं न जाने तू कहा शुरू होता है ♪ घुल गया हूं तुझमे कुछ ऐसे घुल गया हूं तुझमे कुछ ऐसे बारिश की बूंद समंदर मै जैसे साँसों की गंगा हवाओ में जैसे कोयल का color रब गाओ में जैसे बादल की धुंद पर, बातों पर हो जैसे मिसरी की डलिया, शराबतो में जैसे घुल गया हूं तुझमे कुछ ऐसे ♪ खो दिया है खुद को तुझ में कहीं मुझ में अब में बचा नहीं खो दिया है खुद को तुझ में कहीं मुझ में अब में बचा नहीं तुझ में ही था, तेरा ही था अँधेरा ना, मै सवेरा ही था दर्या भी था, किनारा भी था मै तुझ में ही था, तेरा ही था अँधेरा ना, मै सवेरा ही था दर्या भी था, किनारा भी था तुझ में सारा का सारा ही था मै याद आ गया घर का पता कुछ ऐसे ख़ुशबू से मिल जाये ख़ुशबू जैसे रूह को दिख जाए आइना जैसे घुल गया हूं तुझमे कुछ ऐसे