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Kshitij Vishwakarma - Kuch Is Tarah - Revisited lyrics

Artist: Kshitij Vishwakarma

album: Kuch Is Tarah (Revisited)


कुछ इस तरह तेरी नज़रें मेरे नज़रों से आ मिली है
कुछ इस तरह तेरी बातें मेरे बातों से आ मिली है
कुछ इस तरह तेरी नज़रें मेरे नज़रों से आ मिली है
कुछ इस तरह तेरी बातें मेरे बातों से आ मिली है
खो गया, खो गया तुझमें ही
खो गया, मैं खो गया तुझमें ही
खो ही गया, खो गया मैं तुझमें ही
खो गया, हाँ, तुझमें ही
चारों तरफ तेरे नज़ारे, ढूँढूँ मैं ज़िंदगी
गुम तो नहीं था, होने लगा हूँ
तेरी चाहत में हर घड़ी
चारों तरफ तेरे नज़ारे, ढूँढूँ मैं ज़िंदगी
गुम तो नहीं था, होने लगा हूँ
तेरी चाहत में हर घड़ी
कुछ इस तरह तेरी राहें
मेरे राहों से आ मिली हैं
कुछ इस तरह तेरी खशबू
मेरे साँसों से आ घुली हैं
खो गया, खो गया मैं तुझमें ही
खो गया, मैं खो गया तुझमें ही
खो गया तुझमें ही
खो गया, हाँ, तुझमें ही

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