ऐ मेरे हमसफ़र एक ज़रा इंतज़ार सुन सदाएं दे रही हैं मंज़िल प्यार की ऐ मेरे हमसफ़र एक ज़रा इंतज़ार सुन सदाएं दे रही हैं मंज़िल प्यार की जिसको दुआओं में माँगा तू है वही रहनुमा तेरे बिना मुश्किल है एक भी कदम चलना ... जिसको दुआओं में माँगा तू है वही रहनुमा तेरे बिना मुश्किल है एक भी कदम चलना ... बिन तेरे कहाँ है मंज़िल प्यार की ए मेरे हमसफ़र एक ज़रा इंतज़ार सुन्न सदायें दे रही है मंज़िल प्यार की ना हम बेवफा है ना प्यार है कम दरमियान पर अपनी तक़दीरें हैं बिलकुल ही जुड़ा ... ना हम बेवफा है ना प्यार है काम दरमियान पर अपनी तक़दीरें हैं बिलकुल ही जुड़ा ... फिर कैसे मिलेगी मंज़िल प्यार की ए मेरे हमसफ़र एक ज़रा इंतज़ार सुन्न सदायें दे रही है मंज़िल प्यार की