ख़ाबों के लिफ़ाफ़ों में क़िस्सों में, किताबों में फ़ुर्सतों की बातों में अरसों से ख़यालों में थोड़ी खोई हुई कब से सोई हुई वो आदत है वो ♪ करवटों की बाँहों में सिलवटों की राहों में सहमी-सहमी साँसों में सुरमई सी बातों में ज़िद सी छूटे नहीं मुझ से रूठे नहीं वो आदत है वो वो देखे जिधर, डोले नियत उधर ये महका हुनर उस ने सीखा किधर? उस को बनाने वाला कुछ-कुछ तो बहका होगा जब भी पड़ी होगी नज़र चोट बन के कभी ऐसे दिल पे लगी वो आदत है वो ♪ "इंतज़ारों में रहूँ उम्र भर मैं तो रुकूँ दिल को कैसे दूँ सुकूँ?" उस से मैं ये कह सकूँ यूँ ज़ुबाँ पे चढ़ी महँगी जो है पड़ी वो आदत है वो वो देखे जिधर, डोले नियत उधर ये महका हुनर उस ने सीखा किधर? उस को बनाने वाला कुछ-कुछ तो बहका होगा जब भी पड़ी होगी नज़र चोट बन के कभी ऐसे दिल पे लगी वो आदत है वो ख़ाबों के लिफ़ाफ़ों में क़िस्सों में, किताबों में फ़ुर्सतों की बातों में अरसों से ख़यालों में वो आदत है वो