Jaidev - Yehi Raat Antim Yehi Raat Bhaari lyrics
Artist: Jaidev
album: Ramayan Hits Bhajan - Dusshera Utsav Special Bhajan
यही रात अंतिम, यही रात भारी
बस एक रात की अब कहानी है सारी
यही रात अंतिम, यही रात भारी
♪
नहीं बंधु-बांधव ना कोई सहायक
अकेला है लंका में लंका का नायक
सभी रत्न बहुमूल्य रण में गँवाए
लगे घाव ऐसे के भर भी ना पाए
दशानन इसी सोच में जागता है
के जो हो रहा उसका परिणाम क्या है
ये बाज़ी अभी तक ना जीती ना हारी
यही रात अंतिम, यही रात भारी
यही रात अंतिम, यही रात भारी
♪
हो भगवान मानव तो समझेगा इतना
के मानव के जीवन में संघर्ष कितना
विजय अंततः धर्म वीरों की होती
पर इतना सहज भी नहीं है ये मोती
बहुत हो चुकी युद्ध में व्यर्थ हानि
पहुँच जाएँ परिणाम तक अब ये कहानी
वचन पूर्ण हों, देवता हों सुखारी
यही रात अंतिम यही रात भारी
यही रात अंतिम यही रात भारी
♪
समर में सदा एक ही पक्ष जीता
जयी होगी मंदोदरी या के सीता?
किसी माँग से उसकी लाली मिटेगी
कोई एक ही कल सुहागन रहेगी
भला धर्मं से पाप कब तक लड़ेगा?
या झुकना पड़ेगा या मिटना पड़ेगा
विचारों में मंदोदरी है बेचारी
यही रात अंतिम, यही रात भारी
यही रात अंतिम, यही रात भारी
♪
ये एक रात मानो युगों से बड़ी है
ये सीता के धीरज के अंतिम कड़ी है
प्रतीक्षा का विष और कितना पिएगी?
बिना प्राण के देह कैसे जिएगी?
कहे राम, "राम, अब तो आ भी जाओ"
दिखाओ दरस, अब ना इतना रुलाओ
के रो-रो के मर जाए सीता तुम्हारी
यही रात अंतिम, यही रात भारी
यही रात अंतिम, यही रात भारी
बस एक रात की अब कहानी है सारी
यही रात अंतिम, यही रात भारी
यही रात अंतिम, यही रात भारी
बस एक रात की अब कहानी है सारी
यही रात अंतिम, यही रात भारी
♪
नहीं बंधु-बांधव ना कोई सहायक
अकेला है लंका में लंका का नायक
सभी रत्न बहुमूल्य रण में गँवाए
लगे घाव ऐसे के भर भी ना पाए
दशानन इसी सोच में जागता है
के जो हो रहा उसका परिणाम क्या है
ये बाज़ी अभी तक ना जीती ना हारी
यही रात अंतिम, यही रात भारी
यही रात अंतिम, यही रात भारी
♪
हो भगवान मानव तो समझेगा इतना
के मानव के जीवन में संघर्ष कितना
विजय अंततः धर्म वीरों की होती
पर इतना सहज भी नहीं है ये मोती
बहुत हो चुकी युद्ध में व्यर्थ हानि
पहुँच जाएँ परिणाम तक अब ये कहानी
वचन पूर्ण हों, देवता हों सुखारी
यही रात अंतिम यही रात भारी
यही रात अंतिम यही रात भारी
♪
समर में सदा एक ही पक्ष जीता
जयी होगी मंदोदरी या के सीता?
किसी माँग से उसकी लाली मिटेगी
कोई एक ही कल सुहागन रहेगी
भला धर्मं से पाप कब तक लड़ेगा?
या झुकना पड़ेगा या मिटना पड़ेगा
विचारों में मंदोदरी है बेचारी
यही रात अंतिम, यही रात भारी
यही रात अंतिम, यही रात भारी
♪
ये एक रात मानो युगों से बड़ी है
ये सीता के धीरज के अंतिम कड़ी है
प्रतीक्षा का विष और कितना पिएगी?
बिना प्राण के देह कैसे जिएगी?
कहे राम, "राम, अब तो आ भी जाओ"
दिखाओ दरस, अब ना इतना रुलाओ
के रो-रो के मर जाए सीता तुम्हारी
यही रात अंतिम, यही रात भारी
यही रात अंतिम, यही रात भारी
बस एक रात की अब कहानी है सारी
यही रात अंतिम, यही रात भारी
यही रात अंतिम, यही रात भारी
Other albums by the artist
Similar artists
Hemant Kumar
Artist
Kishore Kumar
Artist
Mohammed Rafi
Artist
Agam Aggarwal
Artist
Shankar-Ehsaan-Loy
Artist
Suresh Wadkar
Artist
Ravindra Jain
Artist
Tirpti Shakya
Artist
Satish Dehra
Artist
sadhoband
Artist
Jagjit Singh
Artist
Rekha Bhardwaj
Artist
Mukesh
Artist
Amitabh Bachchan
Artist
Prem Bhushan Maharaj
Artist
Mohit Lalwani
Artist
Pujya Prembhushanji Maharaj
Artist
Amit Trivedi
Artist