एक, दो, तीन, चार ♪ जागे ना सोए क्यूँ, रातों को रोए, जले-बुझे तन्हा अकेले तू, सपने पिरोए तकियों के तले ♪ जागे ना सोए क्यूँ, रातों को रोए, जले-बुझे तन्हा अकेले तू, सपने पिरोए तकियों के तले कैसी पहेली, सुलझे ही नहीं जो नींदों से भी वो जगाए, वो जगाए कैसी पहेली, सुलझे ही नहीं जो नींदों से भी वो जगाए, वो जगाए ताके तू, क्यूँ झाँके तू? सवालों से क्यूँ भागे तू? बातें कर ले तस्वीरों से जागे-सोते तस्वीरों से बातें कर ले तस्वीरों से जागे-सोते तस्वीरों से उड़ते-उड़ते जाना रे, जाना रे गाँव में ये गाना बातें कर ले तस्वीरों से जागे-सोते तस्वीरों से ♪ ताके तू तस्वीरों को