Kishore Kumar Hits

Neyhal - Sukoon lyrics

Artist: Neyhal

album: Sukoon


आँखों से तेरी आँखें चार जब हुई
हुआ बैंगनी, गुलाबी आसमान
पंख फैलाएँ, पंछी, खो मेरे जाएँ
इन बैंगनी, गुलाबी आसमाँ में
मिलावटी चाय की प्याली सी बे-स्वादी, फीकी दुनिया
खिले हज़ारों मुरझा गए, छोड़ा ना साथ तू
सुकूँ, अलग एहसास तू
सुकूँ, अलग एहसास तू

कानों के भीतर समेटी ज़ुल्फ़ें तूने जब
दिखा ईद का हसीन चाँद
अधखुले होंठों पे दाँतों का फेरना
थम नब्ज़ जाए, एक झलक से, क़सम रब
गर्म, फूली चूल्हे की रोटी सी भीनी-भीनी ख़ुशबू तेरी
ना कोई जाने, ना मैं जानूँ, तजुर्बा अनोखा क्यूँ तू?
सुकूँ, अलग एहसास तू
सुकूँ, अलग एहसास तू
मौजूदगी ना ज़रूरी तेरी
करूँ महसूस सुब्ह-ओ-शाम कलम से काग़ज़ों पे
खिले हज़ारों मुरझा गए
छोड़ा ना साथ तू
सुकूँ, अलग एहसास तू
सुकूँ, अलग एहसास तू

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