तू ही है मंज़िल मेरी तू ही मेरे रहगुज़र चाहा किसी ने ना हो चाहूँ तुझे इस कदर तू जो संग है मुझे क्या फिकर तू है ज़िंदगी तू ही हमसफ़र तू ही है मंज़िल मेरी तू ही मेरे रहगुज़र चाहा किसी ने ना हो चाहूँ तुझे इस कदर तू जो संग है मुझे क्या फिकर तू है ज़िंदगी तू ही हमसफ़र ♪ चाहे जहाँ मैं रहूँ तुझको ही सोचा करूँ ख्वाबों-ख़यालों में भी तुझको ही देखा करूँ लम्हे मुलाक़ात के लगते बड़े मुख्तसर तू जो संग है मुझे क्या फिकर तू है ज़िंदगी तू ही हमसफ़र (तू ही हमसफ़र) ♪ एक दुसरे से जुदा हम ना रहेंगे कभी अब दूरियों की घुटन हम ना सहेंगे कभी तेरे ही साये तले बीतेगी मेरी उमर तू जो संग है मुझे क्या फिकर तू है ज़िंदगी तू ही हमसफ़र तू ही है मंज़िल मेरी तू ही मेरे रहगुज़र चाहा किसी ने ना हो चाहूँ तुझे इस कदर तू जो संग है मुझे क्या फिकर तू है ज़िंदगी तू ही हमसफ़र