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Arunita Kanjilal - Fursat lyrics

Artist: Arunita Kanjilal

album: Fursat


तन्हा गुज़रता दिल का सफ़र, मिलते नहीं जो तुम हम से
इश्क़ ने माँगी पहली दुआ तो मुझको मिले तुम रब के करम से
नज़रों को आए जब से नज़र तुम, रहने लगे तुझमें गुम से
मुझे फ़ुर्सत ही नहीं तुम से
मुझे फ़ुर्सत ही नहीं तुम से
तुम्हें देखूँ बस जी भर के
मुझे फ़ुर्सत ही नहीं तुम से

तुमसे मिलने से कुछ पहले ख़ुशबू तुम्हारी आती है
दिल में उतर के रूह से गुज़रे, धड़कन तक छू जाती है
प्यार मेरा पहचान ले पागल, दिल की मेरी धड़कन सुन के
मुझे फ़ुर्सत ही नहीं तुम से
मुझे फ़ुर्सत ही नहीं तुम से
मुझे रख लो छुपा कर के
मुझे फ़ुर्सत ही नहीं तुम से

दुनिया रूठे लेकिन अपना साथ कभी ना छूटेगा
ख़्वाब तुम्हारे, नींद हमारी, ये रिश्ता ना टूटेगा
मैं सो जाऊँ, फिर भी जागे दिल तुम्हारे सपने बुन के
मुझे फ़ुर्सत ही नहीं तुम से
मुझे फ़ुर्सत ही नहीं तुम से
तुम्हें रख लूँ मैं छुपा कर के
तुम्हें रख लूँ मैं छुपा कर के
मुझे फ़ुर्सत ही नहीं तुम से

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