दिल ढूँढे वो बातें, बातों में हज़ारों छिपी रातें रुला दे, रुला दे नयी-नयी यारी के बहाने, देखे चाँद-तारे सिरहाने वो यादें, वो यादें फ़ासले जो तेरे-मेरे, जैसे रात और दिन में हो इरादे नहीं थे ले-ले दुआ में दीवारें खड़ी जो, है मंज़िल मेरी तू ना समझे कोई क्यूँ? तू रह जा, रह जा फ़ासले, फ़ासले ना समझे कोई क्यूँ? फ़ासले, फ़ासले थोड़ी-थोड़ी तू ख़फ़ा थी, थोड़ी मेरी ख़ता थी ज़िंदगी कहाँ खो गई बैठे थे हम बादलों पे, बातें करें सागरों से ज़िंदगी कहाँ खो गई आए-जाए ये ज़माना, करके कोई बहाना आजा ना तू भी दहलीज़ें लाँघ कर जैसा होता दिल लगाना, आसाँ होता 'गर निभाना मिलूँगा तुझे उसी किनारे तू रह जा, रह जा फ़ासले, फ़ासले ना समझे कोई क्यूँ? फ़ासले, फ़ासले फ़ासले जो तेरे-मेरे, जैसे रात और दिन में हो इरादे नहीं थे ले-ले दुआ में दीवारें खड़ी जो, है मंज़िल मेरी तू ना समझे कोई क्यूँ? तेरे बिना अधूरा, तू जो थामे तो पूरा तेरे बिना यहाँ अब क्या करूँ? तेरे बिना अधूरा, तू जो थामे तो पूरा तेरे बिना यहाँ अब क्या करूँ? आए-जाए ये ज़माना, करके कोई बहाना आजा ना तू भी दहलीज़ें लाँघ कर जैसा होता दिल लगाना, आसाँ होता 'गर निभाना मिलूँगा तुझे उसी किनारे