बीरबल की खिचड़ी एक दिन अकबर ने बीरबल से पूछा कि क्या कोई व्यक्ति पैसों के लिए कुछ भी कर सकता है? बीरबल बोले, "हाँ, पैसों के लिए कुछ भी किया जा सकता है" अगले दिन बीरबल एक ग़रीब ब्राह्मण को लेकर दरबार में आए और बोले कि इसे पैसों की बहुत ज़रूरत है पैसों के लिए यह कुछ भी करने को तैयार है सर्दियों का मौसम था और बहुत ठंड थी अकबर ने पूछा कि क्या तुम पूरी रात तालाब के एकदम ठंडे पानी में खड़े रह सकते हो? ग़रीब ब्राह्मण को पैसों की ज़रूरत थी इसलिए वह मान गया और रात भर ठंडे पानी में खड़ा रहा अगली सुबह जब वह दरबार में पहुँचा तो अकबर ने पूछा कि तुम रात भर कैसे इतने ठंडे पानी में खड़े रहे? ब्राह्मण बोला, "महाराज, एक किलोमीटर दूरी से आपके महल में जलता हुआ दीपक देखता रहा और उस गर्मी को महसूस करता रहा इसी कारण मैं रात भर पानी में खड़ा रहा" अकबर ने ब्राह्मण से कहा कि अच्छा तो तुम दीपक की गर्मी के कारण खड़े रहे अब तुम्हें कुछ भी पैसे नहीं मिलेंगे बीरबल ने बीच में बोलने की कोशिश भी की लेकिन अकबर ने किसी की नहीं सुनी अगले पाँच दिनों तक बीरबल दरबार में नहीं आए अकबर बीरबल के घर गए, और देखा कि नीचे ज़रा सी आग लगी है और एक मीटर की ऊँचाई पर हांडी में खिचड़ी पक रही है अकबर बोले, "क्या बीरबल? यह खिचड़ी भला कैसे पकेगी? आग तो इतनी दूर है" बीरबल बोले, "जब एक किलोमीटर की दूरी से गर्मी पाकर ब्राह्मण ठंडे पानी में खड़ा रह सकता है तो खिचड़ी भी पक ही जाएगी" अकबर को अपनी भूल का एहसास हो जाता है और वे ब्राह्मण को बुलाकर उसे बहुत सारे पैसे इनाम में देते हैं