चार मूर्ख एक दिन बादशाह अकबर ने बीरबल से कहा कि वह चार मूर्खों को लेकर दरबार में आए बीरबल ने कुछ दिनों का समय माँगा एक दिन बीरबल ने एक आदमी को देखा जिसके हाथ में एक बड़ा सा थाल था जिसमें कपड़े, गहने और महँगे तोहफ़े थे बीरबल के पूछने पर वह आदमी बोला कि मेरी पत्नी किसी के साथ भाग गई थी और अभी उसको लड़का हुआ है यह सब चीज़ें मैं उसी के लिए ले जा रहा हूँ बीरबल को पहला मूर्ख मिल जाता है फ़िर कुछ दिनों बाद बीरबल ने भैंस पर बैठे हुए एक आदमी को देखा जिसके सिर पर घास की एक गठरी थी बीरबल के पूछने पर वह बोला कि ये भैंस गर्भवती है, और मैं नहीं चाहता कि इस पर और बोझ डाला जाए इसलिए घास की गठरी मैंने अपने सिर पर रखी है बीरबल को दूसरा मूर्ख भी मिल जाता है दोनों मूर्खों को लेकर वह दरबार में पहुँचता है अकबर कहते हैं कि मैंने तो तुम्हें चार मूर्ख ढूँढने को कहा था और तुम दो ही लेकर आए हो! बीरबल कहता है, "तीसरे मूर्ख आप हो, जाहपनाह जो मूर्खों को ढूँढने में लगे हो, और चौथा मूर्ख मैं हूँ जो उन्हें ढूँढने निकला हूँ" अकबर बीरबल के इस जवाब पर ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगते हैं और उसकी बुद्धि की खूब प्रशंसा करते हैं