फुर्सते हैं जो हैं अभी होंगी ना यह फिर कभी उछाल दो हवाओं में ख्वाहिशें जो हैं दबी फुर्सते हैं जो हैं अभी होंगी ना यह फिर कभी उछाल दो हवाओं में ख्वाहिशें जो हैं दबी नाचें गायें चिल्लायें हम साथ में कह रही है यह खामोशियाँ इतना सन्नाटा क्यूँ है? ♪ इतना सन्नाटा क्यूँ है ♪ इतना सन्नाटा क्यूँ है? ♪ इतना सन्नाटा क्यूँ है? क्यूँ है? शोर भी ज़रूरी है शरारतें भी हैं लाज़मी हंगामे ना किए तो फिर ज़िंदगी ये किस काम की हो गूँजे ज़ोरों से अपनी ये धड़कनें यही कहता है दिल ये मेरा इतना सन्नाटा क्यूँ है? ♪ इतना सन्नाटा क्यूँ है? ♪ फुर्सते हैं जो हैं अभी होंगी ना ये फिर कभी उछाल दो हवाओं में ख्वाहिशें जो हैं दबी नाचें गायें चिल्लायें हम साथ में कह रही है यह खामोशियाँ ए ए ए ए क्यूँ है? ♪ इतना सन्नाटा क्यूँ है? ♪ इतना सन्नाटा क्यूँ है?