ऐसी उलझी नज़र उनसे, हटती नहीं दाँत से रेशमी डोर कटती नहीं उम्र कब की बरस के सुफ़ैद हो गई कारी बदरी जवानी की छँटती नहीं वल्लाह, ये धड़कन बढ़ने लगी है चेहरे की रंगत उड़ने लगी है डर लगता है तन्हा सोने में जी दिल तो बच्चा है जी दिल तो बच्चा है जी थोड़ा कच्चा है जी हाँ, दिल तो बच्चा है जी ऐसी उलझी नज़र उनसे, हटती नहीं दाँत से रेशमी डोर कटती नहीं उम्र कब की बरस के सुफ़ैद हो गई कारी बदरी जवानी की छँटती नहीं ♪ किसको पता था, पहलू में रखा दिल ऐसा पाजी भी होगा हम तो हमेशा समझते थे कोई हम जैसा हाजी ही होगा हाय, ज़ोर करे, कितना शोर करे ਬੇਵਜ੍ਹਾ ਬਾਤੋਂ ਪੇ ਐਵੇਂ ਗ਼ੌਰ ਕਰੇ दिल सा कोई कमीना नहीं कोई तो रोके, कोई तो टोके इस उम्र में खाओगे धोके डर लगता है इश्क़ करने में जी दिल तो बच्चा है जी दिल तो बच्चा है जी थोड़ा कच्चा है जी हाँ, दिल तो बच्चा है जी ♪ ऐसी उदासी बैठी है दिल पे हँसने से घबरा रहे हैं सारी जवानी कतरा के काटी पीरी में टकरा गए हैं दिल धड़कता है तो ऐसे लगता है वो आ रहा है यहीं, देखता ही ना हो प्रेम की मारे कटार रे तौबा, ये लम्हे कटते नहीं क्यूँ? आँखों से मेरी हटते नहीं क्यूँ? डर लगता है ख़ुद से कहने में जी ♪ दिल तो बच्चा है जी दिल तो बच्चा है जी थोड़ा कच्चा है जी हाँ, दिल तो बच्चा है जी