चल चलें उस दुनिया में जहाँ कोई ना हो, प्यारे मैं और तुम, बस हम-दोंनों और साथ में दो cup चाय चल चलें उन राहों में जहाँ रात में भी हो उजाले छाँव में टिम-टिम तारों की हम बातें करते जाए पर डर तो है के बस ये चाहत ही ना रह जाए मेरी ज़िंदगी में तू कहीं दूर ना रह जाए ♪ चल चलें उन राहों में जहाँ बारिश बहते जाए रिमझिम-रिमझिम बारिश में हम नाचते-गाते जाए पर डर तो है के बस ये चाहत ही ना रह जाए मेरी ज़िंदगी में तू कहीं दूर ना रह जाए ♪ मेरी ज़िंदगी बेरंगीं सी, ना रंग, ना है कुछ खासा है तू है एक चादर रंगों की जिसमें ना मैं घुल पाया था पर फ़िर भी एक आस कहीं, तू है मेरा वो रुबाना सा बाँहों में मेरी, मेरी रूप तुझे है पुकारे मेरी ज़िंदगी में तू कहीं दूर ना रह जाए साज़ में, मेरे गानों में बस तू ही तू रह जाए चल चलें उस दुनिया में जहाँ मैं और तुम मिल जाए ...जहाँ मैं और तुम मिल जाए