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Nikhar Juneja - Shiv Ka Das lyrics

Artist: Nikhar Juneja

album: Shiv Ka Das


मन के बहकावे में ना आ
मन के बहकावे में ना आ
इस मन को शिव का दास बना ले
शिव का दास बने जो प्राणी
वो हर प्राणी को हृदय से लगाए
शिव का दास बने जो प्राणी
वो हर प्राणी को हृदय से लगाए

मन है शरीर के रथ का सारथी
मन है शरीर के रथ का सारथी
मन को चाहे जिधर ले जाए
जिसके मन में बसता शिवाय
वो मन के रथ से अनंत को जाए
जिसके मन में बसता शिवाय
वो मन के रथ से अनंत को जाए

आत्मा और शरीर के मध्य में
आत्मा और शरीर के मध्य में
ये मन अपने खेल दिखाए
जो इस मन में शिव को बसाए
वो मन को करे वश में, योगी हो जाए
जो इस मन में शिव को बसाए
वो मन को करे वश में, योगी हो जाए
मन के बहकावे में ना आ
इस मन को शिव का दास बना ले
शिव का दास बने जो प्राणी
वो हर प्राणी को हृदय से लगाए
शिव का दास बने जो प्राणी
वो हर प्राणी को हृदय से लगाए

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