आज फिर तुम पे प्यार आया है आज फिर तुम पे प्यार आया है बेहद और बेशुमार आया है आज फिर तुम पे प्यार आया है आज फिर तुम पे प्यार आया है बेहद और बेशुमार आया है ♪ टूटें तो टूटें तेरी बाँहों में ऐसे जैसे शाख़ों से पत्ते बेहया बिखरें तुझी से और सिमटें तुझी में तू ही मेरा सब ले गया ना फ़िकर, ना शरम ना लिहाज़ एक बार आया फिर ज़र्रे-ज़र्रे में दीदार आया है फिर ज़र्रे-ज़र्रे में दीदार आया है बेहद और बेशुमार आया है आज फिर तुम पे प्यार आया है आज फिर तुम पे प्यार आया है बेहद और बेशुमार आया है ♪ तू ही मेरी आवारगी तू ही दुआ हर शाम की तू ख़्वाह-मख़ाह, तू लाज़मी तू ही रज़ा, तू ही कमी और तू ही वो फ़िराक़ है, जिसको है सिलसिलों ने मेरे पास लाया होंठों पे तेरे इज़हार आया है होंठों पे तेरे इज़हार आया है बेहद और बेशुमार आया है आज फिर तुम पे प्यार आया है आज फिर तुम पे प्यार आया है बेहद और बेशुमार आया है आज फिर तुम पे प्यार आया है आज फिर तुम पे प्यार आया है बेहद और बेशुमार आया है