Kishore Kumar Hits

Dr. Kumar Vishwas - Ansoo lyrics

Artist: Dr. Kumar Vishwas

album: Tarpan


इस करुणा कलित हृदय में अब विकल रागिनी बजती
क्यों हाहाकार स्वरों में वेदना असीम गरजती
आती है शून्य क्षितिज से क्यों लौट प्रति ध्वनि मेरी
टकराती-बिलखाती सी, पगली सी देती फेरी
छील-छील कर छाले फोड़े
मल-मल कर मृदुल चरण से
धूल-धूल कर वह रह जाते
आँसू करुणा के कण से
अभिलाषाओं की करवट
फिर सुप्त व्यथा का जगना
सुख का सपना हो जाना
भीगी पलकों का लगना
जो घनी भूत पीड़ा थी
मस्तक में स्मृति सी छाई
दुर्दिन में आँसू बनकर
वह आज बरसने आई
रो-रो कर सिसक-सिसक कर कहता मैं करूण कहानी
तुम सुमन नौचते-सुनते करते जानी अनजानी
झन-झांझ कोर गर्जन था
बिजली थी निरग माला
पाकर इस शून्य ह्रदय को
सबने आ डेरा डाला
बिजली माला पहनी फिर
मुस्काता था आँगन मे
हाँ, कौन बरस जाता था
रस बूंद हमारे मन में
गौरव था नीचे आए
प्रियतम मिलने को मेरे
मैं इठला उठा अकिंचन
देखे जो स्वप्न सवेरे
शशिमुख पर घूंघट डाले
अंचल में दीप छुपाए
जीवन की गोधूलि में
कौतुहल से तुम आए

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