सुर के घुंघरू बांध पैर में आज श्याम में नाचूंगी सुर के घुंघरू बांध पैर में आज श्याम में नाचूंगी तेरी बंसी की धुन होगी प्रेम कथा में बाँचूंगी सुर के घुंघरू बांध पैर में आज श्याम में नाचूंगी एक एक घुंघरू एक एक सुर में सात सुरों की पायलिया एक एक घुंघरू एक एक सुर में सात सुरों की पायलिया ऐसा नृत्य हुआ ना होगा नाचेगी यह बाँवरिआ कितना तप है और साधना आज श्याम मैं जांचूंगी तेरी बंसी की धुन होगी प्रेम कथा में बांचूंगी सुर के घुंघरू बांध पैर में आज श्याम में नाचूंगी यहीं पर होगी रास की लीला जमुना तट के उपवन में एक यहीं पर होगी रास की लीला जमुना तट के उपवन में एक एक राधा एक एक मोहन गोपी के संग दर्शन में प्रेम सुधा जो सागर डूबा तेरे मन में राजूंगी तेरे बंसी की धुन होगी प्रेम कथा में बांचूंगी सुर के घुंघरू बांध पैर में आज श्याम में नाचूंगी आज श्याम में नाचूंगी आज श्याम में नाचूंगी