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Dhaval Kothari - Musafir lyrics

Artist: Dhaval Kothari

album: Musafir


तन्हा लम्हा भी गुज़ारा
महफ़िलों ने भी पुकारा
साथ चाहे कोई ना हो
तू है के ज़रूर आया
वक़्त ने जब भी आज़माया
छूटा सब, ना तुझे गवाया
और चाहे ना कुछ बचा हो
वास्ता तूने है निभाया
तुझ को हमसफ़र हर दफ़ा साथ पाया
मुसाफ़िर मैं हूँ, मुसाफ़िर तू है
मुसाफ़िर मैं हूँ, मुसाफ़िर तू है
जिस जगह मैं जाऊँ
उस जगह तू दिखे है
मुसाफ़िर मैं हूँ, मुसाफ़िर तू है
बिन कहे, बिन सुने तू मेरे संग-संग है
ना गिले, ना शिकवे
मस्त तू, तू मलंग है
किस क़दर शुक्र करूँ?
क्या तेरा मैं जिक्र करूँ
इल्तिजा है, "ना चाहूँ वो समा जिस में ना तू है"
मुसाफ़िर मैं हूँ, मुसाफ़िर तू है
मुसाफ़िर मैं हूँ, मुसाफ़िर तू है

जिस जगह मैं जाऊँ
उस जगह तू दिखे है

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