कल ही था हर ख़ुशबू को चखना चाहते थे कल ही था नए रंगों के ख़ुद से नाम रखे थे रफ़्तार में रहना है कोई मौक़ा नहीं खोना दुनिया इंतज़ार कर लेगी सबकुछ आज ही होना है चल अपने कुएँ से निकल चख ले कुछ नयी टपरी कर ले तू थोड़ी तफ़री ज़रा सी तफ़री कर ले तू थोड़ी तफ़री, हाँ ♪ आस-पास देखो तो ज़िंदगी नयापन लिख देगी वही घिसी-पिटी पतली ये किताब तेरी क्या ही बिकेगी कुछ नकली नहीं दुनिया में सब है तो तेरा ही ख़याल जी ले इन ख़यालों में खुलकर तेरे दिल को ना कर तू सवाल हर गली ढूँढ ले मंज़िलें ये तेरी rail की पटरी कर ले तू थोड़ी तफ़री ज़रा सी तफ़री कर ले तू थोड़ी तफ़री, ooh