Kishore Kumar Hits

Supriya Pathak - Ik Tu Hi Tu Hi (Reprise) lyrics

Artist: Supriya Pathak

album: Mausam


तेरा शहर जो पीछे छूट रहा
कुछ अंदर-अंदर टूट रहा
हैरान हैं मेरे दो नैना
ये झरना कहाँ से फूट रहा
जब-जब चाहा तूने, रज के रुलाया
जब-जब चाहा तूने, खुल के हँसाया
जब-जब चाहा तूने, ख़ुद में मिलाया
इक तू ही, तू ही, तू ही, तू ही, तू ही, तू ही
जब-जब चाहा तूने, रज के रुलाया
जब-जब चाहा तूने, खुल के हँसाया
जब-जब चाहा तूने, ख़ुद में मिलाया
इक तू ही, तू ही, तू ही, तू ही, तू ही, तू ही
इक तू ही, तू ही, तू ही, तू ही, तू ही, तू ही
ਮੇਂਡਾ ਤਾਂ ਹੈ, रब खो गया
ਮੇਂਡਾ ਤਾਂ ਹੈ, हाए, सब खो गया
ਤੇਰੀਆਂ ਮੋਹੱਬਤਾਂ ਨੇ, ਲੁੱਟੀ-ਪੁੱਟੀ ਸਾਈਆਂ
ਤੇਰੀਆਂ ਮੋਹੱਬਤਾ ਨੇ, ਸੱਚੇਯਾਂ ਸਤਾਈਆਂ
ਖਾਲੀ ਹੱਥ ਮੋੜੀ ਨਾ ਤੂੰ, ਖਾਲੀ ਹੱਥ ਆਈਆਂ
ਮੇਂਡਾ ਤਾਂ ਹੈ, रब खो गया
ਮੇਂਡਾ ਤਾਂ ਹੈ, हाए, सब खो गया
जब-जब चाहा तूने, रज के रुलाया
जब-जब चाहा तूने, खुल के हँसाया
जब-जब चाहा तूने, ख़ुद में मिलाया
इक तू ही, तू ही, तू ही, तू ही, तू ही, तू ही
जब-जब चाहा तूने, रज के रुलाया
जब-जब चाहा तूने, खुल के हँसाया
जब-जब चाहा तूने, ख़ुद में मिलाया
इक तू ही, तू ही, तू ही, तू ही, तू ही, तू ही
इक तू ही, तू ही, तू ही, तू ही, तू ही, तू ही
काँच पे चलना, आँच में जलना, जितने भी दर्द हैं, माये
सह ना सके ये, ਜਿੰਦੜੀ
ज़हर को पी के, सूली पे जी के, निकले जो दम कभी
तो इन दर्दों से छूटे, ਜਿੰਦੜੀ
यूँ वक़्त कटे, मेरी जान घटे
अरमान सभी टुकड़ों में बटे
काँच पे चलना, आँच में जलना, जितने भी दर्द हैं, माये
सह ना सके ये, ਜਿੰਦੜੀ
ਤੇਰੀਆਂ ਜੁਦਾਈਆਂ ਅੱਗੇ ਦੁੱਖ ਸਾਰੇ ਛੋਟੇ
ਤੇਰੀਆਂ ਜੁਦਾਈਆਂ ਅੱਗੇ ਸੁਖ ਸਾਰੇ ਖੋਟੇ
पल-पल होते मेरे दिल दे टोटे
ਮੇਂਡਾ ਤਾਂ ਹੈ, रब खो गया
दिल की गागर से, सात सागर से छलके हैं तो क्यों
ये पाँचों दरिया भी हैराँ हो गए?
साज़ तन-मन के, सोने से खनके
साथ मेरे था जब मेरा, अब तो ये वीराँ हो गए
ਤੇਰੇ ਗ਼ਮ ਕੋ ਮਿਟਾਵਾਂ ਕੈਸੇ? ਤੁਝਕੋ ਭੁਲਾਵਾਂ ਕੈਸੇ?
ਲੱਗੀਆਂ ਨਿਭਾਵਾਂ ਕੈਸੇ? ਬਿਛੜੇ ਕੋ ਪਾਵਾਂ ਕੈਸੇ?
दिल की गागर से, सात सागर से छलके हैं तो क्यों
ये पाँचों दरिया भी हैराँ हो गए?
ਤੇਰੀਆਂ ਮੋਹੱਬਤਾਂ ਨੇ हक़ भी दिए हैं
ਤੇਰੀਆਂ ਮੋਹੱਬਤਾਂ ਨੇ दुख भी दिए हैं
ਤੁਹਾਡੇ ਬਿਨਾਂ ਲਖ ਵਾਰੀ मर के जिए हैं
ਮੇਂਡਾ ਤਾਂ ਹੈ, रब खो गया
जब-जब चाहा तूने, रज के रुलाया
जब-जब चाहा तूने, खुल के हँसाया
जब-जब चाहा तूने, ख़ुद में मिलाया
इक तू ही, तू ही, तू ही, तू ही, तू ही, तू ही
जब-जब चाहा तूने, रज के रुलाया
जब-जब चाहा तूने, खुल के हँसाया
जब-जब चाहा तूने, ख़ुद में मिलाया
इक तू ही, तू ही, तू ही, तू ही, तू ही, तू ही
इक तू ही, तू ही, तू ही, तू ही, तू ही, तू ही

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