मैं क्या करूँ? मैं क्या करूँ? मैं क्या करूँ? मुझे नहीं पता कि क्या करूँ मैं अब मैं क्या करूँ? क्यूँ खाली-खाली लागे अब सारी रातें? क्यूँ याद आती मुझे तेरी सारी बातें? कैसे भुलाऊँ तेरी सारी बुरी यादें? सोचा था मैंने कि तू हमेशा मेरे साथ है कैसे ही हारूँगा मैं? अब सब मेरे पास है यकीन नहीं होता कि कितना गलत था मैं बीते हुए पल सारे लगे मुझे खास थे नहीं था कोई और मेरा सब कुछ दिया तुझे मेरा तुझसे ही सारी उम्मीदें लगाईं तूने भी ना साथ दिया अब मैं क्या करूँ? मुझे नहीं पता कि क्या करूँ मैं अब मैं क्या करूँ? क्यूँ खाली-खाली लागे अब सारी रातें? क्यूँ याद आती मुझे तेरी सारी बातें? कैसे भुलाऊँ तेरी सारी बुरी यादें? मुझे लगा कि मैं तेरा अभी भी याद हैं तेरी सारी मुलाकातें तुझे लगा मैं तेरा हुआ मुझे क्या पता था सारी मतलब की होंगी तेरी बातें पूछूँगा खुदसे, "कब तक तेरे बारे में सोचता रहूँगा?" सोचते-सोचते कब तक खुदको मैं कोसता रहूँगा? अब ना सोचूँगा बारे तेरे, वापस लूँगा सितारे मेरे जो तोड़के लाया था कहने पे तेरे और प्यार के मारे तेरे क्या करूँ मैं? बता मुझको दर-ब-दर सामने मैं ठग रहा जाऊँ कहीं पे भी, मंज़िल में आने से पहले अटक रहा कैसा ये असर है, कैसा ये नशा है, कैसा ये प्यार है? जादू-सा कर दिया, वही मेरे सिर पे अब भी सवार है कैसा तेरा जादू मेरे सिर पे सवार? सोचूँ तेरे बारे दिन में हज़ारों बार तू है कैसा तू, कैसा है तेरा नशा? कैसा किया जादू दिल में जो बसा? मैं क्या करूँ? मुझे तुझसे खुदसे एक वफ़ा तो पूछके देख हाँ जा मरूँ, मुझे तुझसे खुदसे एक वफ़ा तो पूछके देख "मैं क्या करूँ?" मेरा एक ही सवाल कहाँ जाऊँ? मेरा बुरा हुआ हाल अब मैं क्या करूँ? मुझे नहीं पता कि क्या करूँ मैं अब मैं क्या करूँ? क्यूँ खाली-खाली लागे अब सारी रातें? क्यूँ याद आती मुझे तेरी सारी बातें? कैसे भुलाऊँ तेरी सारी बुरी यादें?