प्यार था बहुत, जब क़रीब था मैं फ़ासले प्यार को मिटा कैसे देते हैं? जाने कैसे लोग ये एक ही पल में ख़ुशनुमा यादों को दिल से हटा देते हैं ख़ामोशियों में रोया था, लेकिन रातों की आहटों में अब दिल ना चाहे तेरी उन प्यारी बातों को और उन झूठे वादों को अब ना ये मन भी चाहे यादों को तेरी अब ना ज़रूरत अच्छा ही है कि अब हैं ये फ़ासले फ़ासले फ़ासले बारिशों की बूँदों सा था तेरा वो मुस्कुराना इश्क़ की घटा में मैं था तेरा तो दीवाना गलतियाँ भी दूरी की क्या, ख़्वाहिशें वो तेरी भी थीं हम ना हारे ख़ुद से, लेकिन तुमको ना था वो गवारा यादों को तेरी अब ना ज़रूरत (फ़ासले) अच्छा ही है कि अब हैं ये फ़ासले फ़ासले फ़ासले फ़ासले, फ़ासले फ़ासले, फ़ासले फ़ासले, फ़ासले फ़ासले, फ़ासले फ़ासले