मुझे रात दिन बस मुझे चाहती हो मुझे रात दिन बस मुझे चाहती हो कहो ना कहो मुझको सब कुछ पता है हां करूं क्या मुझे तुम बताती नहीं हो छुपाती हो मुझसे ये तुम्हारी खता है आ मुझे रात दिन बस मुझे चाहती हो ♪ मेरी बेकरारी को हद से बढ़ाना तुम्हें खूब आता है बातें बनाना निगाहें मिलाके यूं मेरा चैन लेना सता के मोहब्बत में यूं दर्द देना मुझे देखके ऐसे पलकें झुकाना शरारत नहीं है तो फिर और क्या है आ मुझे रात दिन बस मुझे चाहती हो ♪ तुम्हें नींद आएगी अब ना मेरे बिन मुझे है यकीं ऐसा आएगा इक दिन खुली तेरी ज़ुल्फ़ों में सोया रहूँगा तेरे ही खयालों में खोया रहूंगा कभी गौर से मेरी आँखों में देखो मेरी जां तुम्हारा ही चेहरा छुपा है आ मुझे रात दिन बस मुझे चाहती हो कहो ना कहो मुझको सब कुछ पता है हां करूं क्या मुझे तुम बताती नहीं हो छुपाती हो मुझसे ये तुम्हारी खता है आ मुझे रात दिन बस मुझे चाहती हो