जब याद मोहन की आती है इक अजब नजारा होता है, आँखों में आंसू होते हैं दिल दरद का मारा रोता है! तेरा प्यार छिपा कर सीने में उस पार तड़फता रहता हूँ, जी चाहता है आ पार मिलूँ पर दूर किनारा होता है!1! जब याद मोहन की आती है इक अजब नजारा होता है, आँखों में आंसू होते हैं दिल दरद का मारा रोता है! जब याद तेरी आ जाती है बह जाता हूँ तूफानों में, मंझधार में गोते खा कर भी इक तेरा सहारा होता है!2! जब याद मोहन की आती है इक अजब नजारा होता है, आँखों में आंसू होते हैं दिल दरद का मारा रोता है! कुछ तुम आओ कुछ मैं आऊँ अब आगे आना मुश्किल है, प्रेमी ही जाने ए भगवन बस तेरा सहारा होता है!3! जब याद मोहन की आती है इक अजब नजारा होता है, आँखों में आंसू होते हैं दिल दरद का मारा रोता है! कोई छोटा हो या कोई बड़ा कोई खोटा हो या कोई खरा, तेरी सब पे किरपा रहती है तू सबका प्यारा होता है!4! जब याद मोहन की आती है इक अजब नजारा होता है, आँखों में आंसू होते हैं दिल दरद का मारा रोता है! राकेश नारायण शर्मा,