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Salim–Sulaiman - Zinda Dili 2.0 lyrics

Artist: Salim–Sulaiman

album: Zinda Dili 2.0


पल-दो-पल की है ये अपनी ज़िंदगानी
जी ले तो सुहानी या फिर है बेईमानी
ख़्वाबों के दम पे है इसकी हर रवानी
इसकी धुन पे नाचें होके हम रूहानी
आँखों ने आँखों से नज़रों की ज़बानी
लफ़्ज़ों से छुपाई है ये वो कहानी
दिन के साए में हों रातें भी बेगानी
कर दें हम फ़ना अपनी बेज़ुबानी
ज़िंदा-दिली, yahoo
ज़िंदा-दिली, yahoo
(ज़िंदा-दिली, ज़िंदा-दिली, ज़िंदा-दिली, ज़िंदा-दिली)
(ज़िंदा-दिली, ज़िंदा-दिली, ज़िंदा-दिली, ज़िंदा-दिली)
(ज़िंदा-, ज़िंदा-, ज़िंदा-, ज़िंदा-)
(ज़िंदा-, ज़िंदा-, ज़िंदा-, ज़िंदा-)
(दा-दा-दा-दा-दा-दा-दा-दा-दा-दा...)

रूठी रातों की है झूठी ये सियाही
सूनी साँसों से तू पा लेगा जुदाई
जीना है तुझे तो दे-दे ये गवाही
लिख दे आसमाँ पे अपनी ही रिहाई
सुन ले हर घड़ी जो देती है दुहाई
अपने हाथ में है अपनी ही रुबाई
गिरती बूँदों सी है दुनिया ये बनाई
उड़ते लम्हों ने है हमको ये सिखाई
ज़िंदा-दिली, yahoo
ज़िंदा-दिली

सोई है जो ख़ुशी
साँसों में जो बसी
राहें नई मिली, मिली
ज़िंदा-दिली, yahoo

ज़िंदा-दिली

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