ये कब से थोड़ी-थोड़ी खो रही है? (खो रही है) ♪ ये कब से थोड़ी-थोड़ी खो रही है? (खो रही है) खुली आँखों से ये कैसे सो रही है? (सो रही है) ये किसका जाना ऐसे रो रही है? मोहब्बत अजनबी सी हो रही है मोहब्बत अजनबी सी हो रही है मोहब्बत अजनबी सी हो रही है ♪ नफ़ा-नुकसान ये कब सोचती है ये मीठी है, मगर ये एक रोग सी है ये ज़िन्दगी तेरी हुई, सब तेरा है तुम्हें पाने की ख़्वाहिश एक जोग सी है ये दूरी के बीज हरसू बो रही है मोहब्बत अजनबी सी हो रही है मोहब्बत अजनबी सी हो रही है मोहब्बत अजनबी सी हो रही है ♪ ये कब से थोड़ी-थोड़ी खो रही है? (खो रही है) खुली आँखों से कैसे सो रही है?