बेख़याली में भी तेरा ही ख़याल आए "क्यूँ बिछड़ना है ज़रूरी?" ये सवाल आए तेरी नज़दीकियों की ख़ुशी बेहिसाब थी हिस्से में फ़ासले भी तेरे बेमिसाल आए मैं जो तुझसे दूर हूँ, क्यूँ दूर मैं रहूँ? तेरा ग़ुरूर हूँ आ, तू फ़ासला मिटा, तू ख़्वाब सा मिला क्यूँ ख़्वाब तोड़ दूँ? ♪ (Everybody in the club...) ♪ बेख़याली में भी तेरा ही ख़याल आए "क्यूँ बिछड़ना है ज़रूरी?" ये सवाल आए रातें देंगी बता, नींदों में तेरी ही बात है भूलूँ कैसे तुझे? तू तो ख़यालों में साथ है बेख़याली में भी तेरा ही ख़याल आए "क्यूँ बिछड़ना है ज़रूरी?" ये सवाल आए