धीमी दस्तक हुई नज़रों ने जो मुझ को छुआ तेरी ही बन गई हूँ मैं कि ज़र्रा-ज़र्रा मेरा हो गया है अब से तेरा तुझ में ही मैं रहूँ ऐसे जैसे दिल में हो दुआ, हो आँखों में सपना छुपा मिला है तुझ में ही मुझे मेरा जहाँ, हाँ मेहरबाँ हुआ-हुआ, मेहरबाँ... मेहरबाँ हुआ-हुआ मुझ पर खुदा मेहरबाँ हुआ-हुआ मुझ पर खुदा मेहरबाँ हुआ-हुआ मुझ पर खुदा मेहरबाँ, मेहरबाँ हुआ-हुआ मुझ पर खुदा ♪ चुप के से जो दिल ने था चाहा है वो रू-ब-रू (रू-ब-रू) कहीं दिल में बसी थी मेरे हसीं एक ख़ाब बन के तू जिसे था ढूँढा हर जगह, तू ही है वो घर मेरा मिला है तुझ में ही मुझे मेरा जहाँ मेहरबाँ हुआ-हुआ, मेहरबाँ... मेहरबाँ हुआ-हुआ मुझ पर खुदा मेहरबाँ हुआ-हुआ मुझ पर खुदा मेहरबाँ हुआ-हुआ मुझ पर खुदा मेहरबाँ, मेहरबाँ हुआ-हुआ मुझ पर खुदा, हाँ ♪ (मेहरबाँ)