Kishore Kumar Hits

Thaikkudam Bridge - Khwaab lyrics

Artist: Thaikkudam Bridge

album: Navarasam


रात गहरी ओढ़ लेंगे, ख़्वाब टूटे जोड़ लेंगे
दौड़ते हैं लोग कितने, हम भी थोड़ा दौड़ लेंगे
साँसों की शाख़ पर करवट छुपी है
बेचैनी सी हर घड़ी है, हर नज़र में
चाँद की कुछ सिलवटों से नींद हँसकर तोड़ लेंगे
चलते-चलते घर भी आया, कौन सा अब मोड़ लेंगे?

आईना यूँ पूछता है, दर्द क्या है?
शक्ल धुँधली ढूँढ़ता है हर जगह
लोग कितने हमशकल से लग रहे हैं
कौन इनमें सच है, आख़िर सोचता है
यादों की है हर लहर जैसे कि परछाई
लोग मिलते हैं भीड़ में, फिर भी तनहाई
ख़्वाहिशें मिल गई सारी दफ़न ख़्वाबों में
ढूँढ़ने निकला हूँ खुद को मेरे ख़्वाबों में

देखा मैंने दिल के अंदर ही इक समुंदर सा
रक्त मिला में ही था, दिल में ही खंजर सा
ज़हर में लिपटा हुआ कुछ दम खरोचो का
नफ़रतों के घाव पे मरहम खरोचो का

उलझनों की उँगलियों से दामन अपना छोड़ लेंगे
झूठ का ये घड़ा है कच्चा एक सच से फोड़ लेंगे
रात गहरी ओढ़ लेंगे, ख़्वाब टूटे जोड़ लेंगे
रात गहरी ओढ़ लेंगे (ख़्वाब टूटे जोड़ लेंगे)

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