Kishore Kumar Hits

The Local Train - Khudi lyrics

Artist: The Local Train

album: Vaaqif


खुदी को खुद से मिलाने
चला है ओ दीवाने
खुदी को खुद से मिलाने
चला है ओ दीवाने
गवाह है गुज़रे जमाने
चले हैं जब परवाने
खुदी को खुद से मिलाने
चला है ओ दीवाने
खुदी को खुद से मिलाने
चला है ओ दीवाने
गवाह है गुज़रे जमाने
चले हैं जब परवाने

ठहरा है, आलम ये
रूकना न तुझको गवारा
ठहरा है, वक्त भी
इसपर किसी का न पहरा
उड़े जो दिल की पतंग से
जुड़े हैं वो याराने
जवान दिन जब जिन्दगी के
जब ग़म वो बेगाने
ख्वाबों के बादलों में
उड़ा है ओ दीवाने
गवाह है गुज़रे ज़माने
चले हैं जब परवाने
गवाह है गुज़रे ज़माने
चले हैं जब परवाने
खुदी को खुद से मिलाने
चला है ओ दीवाने

लिख दे ये फसाना, देखे जो ज़माना
तारों से आगे हो, ख्वाबों का ठिकाना
लिख दे ये फसाना, देखे जो ज़माना
तारों से आगे हो, ख्वाबों का ठिकाना
है झुका जहां, छट गया धुँवा
है रूका समा, हम हुए रवा
है झुका जहां, छट गया धुँवा, हम हुए रवा

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