कभी यादों में आऊँ, कभी ख़्वाबों में आऊँ
कभी यादों में आऊँ, कभी ख़्वाबों में आऊँ
तेरी पलकों के साए में आकर झिलमिलाऊँ
मैं वो ख़ुशबू नहीं जो हवा में खो जाऊँ
हवा भी चल रही है, मगर तू ही नहीं है
फ़िज़ा रंगीं बनी है, कहानी कह रही है
मुझे जितना भुलाओ, मैं उतना याद आऊँ
♪
हाँ-हाँ, जो तुम ना मिलते, होता ही क्या ढूँढ लाने को
हाँ-हाँ, जो तुम ना मिलते, होता ही क्या ढूँढ लाने को
जो तुम ना होते, होता ही क्या हार जाने को
मेरी अमानत हो तुम, मेरी मोहब्बत हो तुम, तुम्हें कैसे मैं भुलाऊँ?
तू आसमाँ, मेरा जहाँ लगे मुझे
तू रास्तों की मंज़िलें लगे मुझे
तू ही मेरी चाँदनी वो रातों को जो हल्की सी जले
तू ही मेरी शाम-ओ-सहर, जो मेरे संग चले
हवा भी चल रही है, मगर तू ही नहीं है
फ़िज़ा रंगीं बनी है, कहानी कह रही है
मुझे जितना भुलाओ, मैं उतना याद आऊँ
कभी यादों में आओ, कभी ख़्वाबों में आओ
कभी यादों में आओ, कभी ख़्वाबों में आओ
मेरी पलकों के साए में आकर झिलमिलाओ
Поcмотреть все песни артиста