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Sanah Moidutty - Sunn lyrics

Artist: Sanah Moidutty

album: Sunn


तुझ में ही था मगन मैं, तू ही मन में और बदन में
बस बावरा सा लापता था, गुम
जब से गया तू जानाँ, मेरा छिन गया ठिकाना
बाहर मैं हँस रहा और भीतर सुन्न
नई-नई रातें और हरा-भरा दिन था
ना था कोई stress ही, और ना थी कोई चिंता
ना थी कोई बेड़ियाँ, ना था कोई पिंजरा
बिना काम किए बस पड़े रहते बिंदास
अपनी ही दुनिया थी, अपना था kingdom
यारी अपनी जैसे Timon और Pumbaa
बीन रहा बिखरी उन यादों को मैं दिन-रात
खोजा मैंने काफ़ी, तेरे जैसा नहीं कोई मिल रहा
गाने बने खुशियों के छुपे-छुपे ग़म में
चाहतों की कमी नहीं, पर कुछ लगे कम है
कुछ आज वाला, कुछ पुराने चाहूँ लम्हें
कैसे सब पलट गया जानाँ, हूँ अचंभित
मीठे पल हैं छोटे, सारी suffering लंबी
छोड़ के तू जाती नहीं, अभी मेरे संग है
दिल मेरा ग़म में और कलेजा मेरा rum में
आधा हिस्सा ज़िंदा है और आधा पड़ा numb है
सुन, baby, हूँ मैं सुन्न, baby
हाँ, मैं हूँ crazy, जानूँ सुन रही है
अब मुंबई में तो सुकून नहीं है
अब सुन के beat बस गूँजे चीख
हूँ मैं गुम, baby, ना कर zoom, baby
हूँ मैं हूँ भयभीत, तेरा हूँ addict
माना हूँ मैं late, पर उम्मीदें
कभी मुड़ के देख तेरा सुन्न है D
तुझ में ही था मगन मैं, तू ही मन में और बदन में
बस बावरा सा लापता था, गुम
जब से गया तू जानाँ, मेरा छिन गया ठिकाना
बाहर मैं हँस रहा और भीतर सुन्न
कशमकश में और सच में कष्ट में हूँ
अस्त-व्यस्त और पस्त-ध्वस्त मैं
सुन, trust me, baby, अब बस नहीं वश में
अब हूँ मैं desperate और हूँ मैं frustrate
सब हँसने लगते वही सुन के मसले
हूँ मैं अब वो शख़्स जो है तेरे अक्ष में
मेरे अंदर दफ़्न हैं उस वक्त के सपने
मुझे रब ने सब दिया, but तू नहीं luck में
थोड़ी धरती दे-दे मेरे फ़र्श पे
तू ही दर्द मेरा और मर्ज़ रे
थोड़ी mercy दे, दफ़न बर्फ़ में
तुझे चरसी जैसे करूँ search मैं
मैं वर्दी में खड़ा फ़र्ज़ में
तभी मर्ज़ी नहीं करूँ अर्ज़ में
पर लड़की हर समय तू purse में
तू तर्ज़ में और मेरे verse में
बुरे हर्ष में खड़ा church में
हूँ अटपटा सा by birth मैं
पर छटपटा रहा तेरे दर्द में
मेरा दर्द कैसे करूँ ख़र्च मैं?
अब अर्थ नहीं बचा अर्थ में
मैं तर हूँ जानाँ, तेरे कर्ज़ में
पल भर में बस मुझे स्पर्श दे
Just tell me, baby
That you're hurtin' me
मैंने बहुत कोशिशें की
फ़िर भी कुछ तो पड़ गया कम
सोचा तू रहेगी हमदम
टूटा जानाँ, मेरा ये भ्रम
मिल के भी ना मिल सके हम
बस इस बात का मुझे ग़म
बाहर खिलखिला रहा हूँ मैं
भीतर से पड़ा हूँ मैं numb
तुझ में ही था मगन मैं, तू ही मन में और बदन में
बस बावरा सा लापता था, गुम
जब से गया तू जानाँ, मेरा छिन गया ठिकाना
बाहर मैं हँस रहा और भीतर सुन्न

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