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Samr8 - Gulaab Ke Sheher lyrics

Artist: Samr8

album: Gulaab Ke Sheher


गुलाबों के शहर में बस्ता है तू
आँखों में है तेरी मीठी सी ये ख़ुशबू
तेरे चेहरे से है रौशन
मेरा सारा जहाँ, मेरी रूह, मेरी जाँ
आँखें तेरी रोशनी हैं
हर सुबह-शाम तेरा नाम
है बसा इन हवाओं में, है धूप और छाँव में है
सब तन्हाई में तेरा साथ
दिल में जो ख़ामोशी है वो तूने मिटाई
थाम ले तू बस मेरा हाथ

मैं तुझे देखूँ, तू भी देखे मुझे
जानूँ ना मैं, मेरा होश कहाँ है
आँखें बंद करूँ, ढूँढूँ तुझे
ये जान-ए-जानाँ, मेरा दोष भी ना है
हम यादों में तेरे अक्सर बिखरने लगे
हम बातों से तेरी कैसे सँभलने लगे?
और होने लगे गुम
अब होश मुझे आ के सँभाले ना, आँखों में है तेरी हम
मदहोश मुझे रोको ना, ज़ालिम ज़माने की बातें ये तुम
हर रोज़ मुझे होना नशा तेरा, आँखों को करे नम
ख़ामोश मुझे होने को बोलो ना अब, क्योंकि...
है बसा इन हवाओं में, है धूप और छाँव में है
सब तन्हाई में तेरा साथ
दिल में जो ख़ामोशी है वो तूने मिटाई
थाम ले तू बस मेरा हाथ

(है बसा इन हवाओं में, है धूप और छाँव में है)
(सब तन्हाई में तेरा साथ)

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