Kishore Kumar Hits

Pratsofficial - Keh de Unplugged lyrics

Artist: Pratsofficial

album: Keh de Unplugged


नासमझ हूँ उन इरादों पे
पर हो चुकी है अब देरी
तू है तो मैं जी रहा हूँ
ज़िंदगी जैसे है तेरी
आँसू बह जाते हैं
आँखों सें मेरी ऐसे
याद वो पल आते हैं
जीये थे तेरे बिन कैसे!
आँसू बह जाते हैं
आँखों सें मेरी ऐसे
याद वो पल आते हैं
जीये थे तेरे बिन कैसे! (जीये थे तेरे बिन कैसे!)
नाराज़ है? तो कह दे
कोई बात है? तो कह दे
ये रात है, अब तेरी
नाराज़ है? तो कह दे
कोई बात है? तो कह दे
ये रात है, अब तेरी
नाराज़ है? तो कह दे
कोई बात है? तो कह दे
ये रात है, अब तेरी (अब तेरी)

क्यूँ अंधेरों में ढूँढूँ मैं सवेरा?
लाखों के ढेरों में ढूँढूँ साथ तेरा
क्यूँ अंधेरों में ढूँढूँ मैं सवेरा?
लाखों के ढेरों में ढूँढूँ साथ तेरा
हाथों में हाथ तेरा हो ज़िंदगी पूरी लगती है
दिल में तेरे दिल मेरा हो फिर भी क्यूँ दूरी लगती है!
हाथों में हाथ तेरा हो ज़िंदगी पूरी लगती है
दिल में तेरे दिल मेरा हो फिर भी क्यूँ दूरी लगती है! (फिर भी क्यूँ दूरी लगती है!)
नाराज़ है? तो कह दे
कोई बात है? तो कह दे
ये रात है, अब तेरी
नाराज़ है? तो कह दे
कोई बात है? तो कह दे
ये रात है, अब तेरी
नाराज़ है? तो कह दे
कोई बात है? तो कह दे
ये रात है, अब तेरी (अब तेरी)

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