उँगलियाँ सँभल के रख़ना, ख़ोलना जब तू खिड़कियाँ ये टोकूँगा मैं कैसे? भूलेगी जब तू हिंदी गिनतियाँ रे जग-जग के ढूँढा करूँ तुझको मेरी रातों में हँस -हँस के आँसुओं का आना तेरी आँख़ो में थक कर के सर को छुपाना वो मेरी बाहों में दूरियाँ-दूरियाँ कैसी ये जिनमें हैं दिन भी लगे जैसे साल हैं दुनियाँ-दुनियाँ मेरी तू मेरी है, रख़ना तू अपना ख़याल वे ♪ नज़रें चुराने, नींदें ना आने पे तेरा आके यूँ हौले से हथेली थामना मेरे सिरहाने बैठो सुनाने फ़िर से अपने सारे-सारे दिन की दास्ताँ जग-जग के ढूँढा करूँ तुझको मेरी रातों में यूँ ही उलझाता फिरूँ ख़ुद को तेरी यादों में कटते हैं दिन भी, सभी रात तेरे ख़ाबों में दूरियाँ-दूरियाँ कैसी ये जिनमें हैं दिन भी लगे जैसे साल हैं दुनियाँ-दुनियाँ मेरी तू मेरी है, रख़ना तू अपना ख़याल वे ਇੱਕ ਤੇਰੇ ਲਈ ਮੈਂ ਤਾਂ ਮੰਗਾਂ ਦੁਆਵਾਂ, ਮੰਗਾਂ ਦੁਆਵਾਂ ਮੰਗਾਂ ਦੁਆਵਾਂ ਮੈਂ ਬਸ ਤੇਰੇ ਲਈ ਮੈਂ ਤਾਂ ਮੰਗਾਂ ਦੁਆਵਾਂ, ਮੰਗਾਂ ਦੁਆਵਾਂ ਮੰਗਾਂ ਦੁਆਵਾਂ ਮੈਂ ਬਸ ਤੇਰੇ ਲਈ ਮੈਂ ਤਾਂ ਮੰਗਾਂ ਦੁਆਵਾਂ, ਮੰਗਾਂ ਦੁਆਵਾਂ ਮੰਗਾਂ ਦੁਆਵਾਂ ਮੈਂ ਬਸ ਤੇਰੇ ਲਈ ਮੈਂ ਤਾਂ ਮੰਗਾਂ ਦੁਆਵਾਂ, ਮੰਗਾਂ ਦੁਆਵਾਂ ਮੰਗਾਂ ਦੁਆਵਾਂ ਮੈਂ ਬਸ ਤੇਰੇ ਲਈ, ਮੈਂ ਤਾਂ