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Sonali Kulkarni - Singham lyrics

Artist: Sonali Kulkarni

album: Singham


मुखरवोऽस्य मृगेन्द्रसुगर्जनः सबलमत्तगजेन्द्रविमर्दनः
विपिनराट्सदृशो बलवानयम् समनुजो हि नृसिंहवरस्तथा

मन भँवर उठे, तन सिहर उठे
जब ख़बर उठे कि आवे (Singham)
ना अगर चले, ना मगर चले
बस क़हर चले जब आवे (Singham)
बुरों को खेंच के, खेंच के, धूल दबीच के रहपट पड़ जाए
भलों की खींच के, खींच के, बाँहों में भींच के झप्पी मिल जाए
ना किसी से ये कम, बड़ा इसमें है दम
नरसिंह है ये Singham
मन भँवर उठे, तन सिहर उठे
जब ख़बर उठे कि आवे (Singham)
ना अगर चले, ना मगर चले
बस क़हर चले जब आवे (Singham)

दिल का सच्चा है, इस दिल में रख लो
सपना अच्छा है, पलकों से ढक लो
दिल-विल से तो है ये एक बच्चा, शरारत करता ही फ़िरे
'गर समझे इसको कोई कच्चा, घूसा ही मिले
ताज़ा है हवा का ये झोंका, यहाँ-वहाँ बहता बहता ही फ़िरे
'गर कभी इसका रास्ता रोका, तूफ़ाँ सर चढ़े
बुरों को खेंच के, खेंच के, धूल दबीच के रहपट पड़ जाए
भलों की खींच के, खींच के, बाँहों में भींच के झप्पी मिल जाए
ना किसी से ये कम, बड़ा इसमें है दम
नरसिंह है ये Singham
मन भँवर उठे, तन सिहर उठे
जब ख़बर उठे कि आवे (Singham)

ये ना सकता है, रस्ते से कट लो
तगड़ा झटका है, दम है तो चख लो
अतरंगी है, जोश में चलता, बाँहों में बिजली सी चले
जैसे एक शोला, शोला दुश्मन तो राख में जा मिले
जैसे कोई शेर सहरा में चलता, सारा जग रौंदता चले
यारों, बस लड़ने का इसे चश्का, पर्वत से भिड़े
बुरों को खेंच के, खेंच के, धूल दबीच के रहपट पड़ जाए
भलों की खींच के, खींच के, बाँहों में भींच के झप्पी मिल जाए
ना किसी से ये कम, बड़ा इसमें है दम
नरसिंह है ये Singham
मन भँवर उठे, तन सिहर उठे
जब ख़बर उठे कि आवे (Singham)
(निजहु भयकारक Singham)
(सज्जन तारक विभुनर Singham)
(दुष्ट सुदारण धुरंधर Singham)
(समर धुरंधर जय नर Singham)
(निमिशारक बुद्धिधीश Singham)
(जगत भयंकर श्री नर Singham)
(निजहु भयकारक Singham)
(सज्जन तारक विभुनर Singham)
(दुष्ट सुदारण धुरंधर Singham)
(समर धुरंधर जय नर Singham)
(सज्जन दुख भंजन Singham)
(दुर्जन सुख अंजन Singham)
(गुरुवर ते भयकारक Singham)
(सज्जन तारक विभुनर Singham)
(दुष्ट सुदारण धुरंधर Singham)
(समर धुरंधर जय नर Singham)

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