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Navya Sharma - Chhupi Thi Kahan lyrics

Artist: Navya Sharma

album: Chhupi Thi Kahan


छुपी थी कहाँ तुम? क्या कह दूँ तुम्हें
मैं हूँ वो ही चेहरा, पहचानो मुझे
नयी सी ये हरकत हवाओं में है
रुकी सारी महफ़िल तुम्हारे लिए
ये धूप सी नज़रें, अंधेरे की चादर
पे बहती बरफ सी हो तुम
ना मंज़िल कोई हो, बस तेरा नशा है
जो ख़्वाबों में रहता हूँ गुम
ये सोचा नहीं था आओगे कभी
ख़्वाबों में थे जैसे हो वैसे ही
मैं अक्सर तस्वीरों में खो जाता हूँ
तेरे इशारों में बह जाता हूँ
ये धूप सी नज़रें, अंधेरे की चादर
पे बहती बरफ सी हो तुम
ना मंज़िल कोई हो, बस तेरा नशा है
जो ख़्वाबों में रहता हूँ गुम

ये धूप सी नज़रें, अंधेरे की चादर
पे बहती बरफ सी हो तुम
ना मंज़िल कोई हो, बस तेरा नशा है
जो ख़्वाबों में रहता हूँ गुम

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