है ख़ुली किबातों में कहते वो पन्नों सी है नदी किनारे, हाँ, बहते वो झरनों सी है, है वो तितली सी ♪ है Ghalib की जैसी लिखी हुई ग़ज़लों सी है बारिश की बूँदों में खिलते वो फूलों सी है, है वो तितली सी ♪ है बादल के पीछे छुपे हुए तारों सी है चंदा के नीचे बसे इन बहारों सी है, है वो तितली सी है वो तितली सी है वो तितली सी ♪ है ना जाने क्या ये रिश्ता तेरा-मेरा है ना जाने क्यूँ ये दिल कब हुआ तेरा है ना जाने क्यूँ ये ख़्वाबों का घर मेरा है ना जाने क्यूँ वो दिल को लगे तेरा है, है वो तितली सी है वो तितली सी है वो तितली सी है वो तितली सी है वो तितली सी है वो तितली सी है वो तितली सी