उन बचपनों की बातों में खोया-खोया सा रहता हूँ मैं इस पेड़ के नीचे बैठा-बैठ मैं खोया हूँ ख्यालों में ♪ तेरी-मेरी वो मुलाक़ातें, तेरे आने से वो बातें आज-कल कहाँ खो गयी है! तेरा-मेरा वो लड़ना और तेरा मुस्कुरा के भुलाना आज-कल कहाँ खो गया है वो! देखो कुछ सूना सा है इन हवाओं में तेरी खुशबूओं के बिना दिल मेरा धड़के और साँसें चलती हैं पर मेरी आँखें नम तेरे बिना ♪ बड़ा अज़ीब सा रिश्ता था हम-दोनों का ये प्यार नहीं दोस्ती है ये दोस्ती नहीं प्यार है यही सोच-सोच के हम कब अलग हो गये पता ही नहीं चला! मगर आज भी... उन सड़कों पे चलते-चलते उस गली के किनारे मैं रुकता हूँ, मैं रुकता हूँ उस एक हँसी को वापस पाने की मैं चाहत रखता हूँ, रखता हूँ तेरा-मेरा वो पल था जो, तेरा मेरे बाहों में रहना आज-कल कहाँ खो गया है! मेरा तेरे आँखों में खोना, परछाईयों में ही रहना आज-कल कहाँ खो गया है वो! देखो कुछ सूना सा है फ़िज़ाओं में तेरी खुशबूओं के बिना दिल मेरा धड़के और साँसें चलती हैं, पर मेरी आँखें नम तेरे बिना ♪ कैसे बताऊं मैं! कैसे जताऊं! मैं मेरे दिल का हाल थी मेरी खुदगर्ज़ी या मेरी नादानी, ये मुझे ना पता तेरी-मेरी वो मुलाक़ातें, तेरे आने से वो बातें आज-कल कहाँ खो गयी है! तेरा-मेरा वो लड़ना और तेरा मुस्कुरा के भुलाना आज-कल कहाँ खो गया है वो! देखो कुछ सूना सा है इन हवाओं में तेरी खुशबूओं के बिना दिल मेरा धड़के और साँसें चलती हैं, पर मेरी आँखें नम तेरे बिना देखो कुछ सूना सा है इन हवाओं में तेरी खुशबूओं के बिना दिल मेरा धड़के और साँसें चलती हैं, पर मेरी आँखें नम तेरे बिना