कितना रोकूं मन के शोर को ये कहाँ रुकता है के शोर से परे उस मौन से मिलना है मुझे शिव से भी नहीं शिव में मिलना है मुझे शिव से नहीं शिव में मिलना है मुझे शिव से नहीं शिव में मिलना है मुझे शिव से नहीं शिव में मिलना है अपने अहम् की आहुति दे जलना हैं अपने अहम् की आहुति दे जलना हैं मुझे शिव से नहीं शिव में मिलना है मुझे शिव से नहीं शिव में मिलना है क्यूँ मुझे किसी और के कष्टों का कारण बनना हैं चाँद और शीश सुशोभित उस चाँद सा शीतल बनना है क्यूँ मुझे किसी और के कष्टों का कारण बनना हैं चाँद और शीश सुशोभित उस चाँद सा शीतल बनना है उस चाँद सा शीतल बनना है मुझे शिव से नहीं शिव में मिलना है मुझे शिव से नहीं शिव में मिलना है जितना मैं भटका उतना मैला हो आया हूँ जितना मैं भटका उतना मैला हो आया हूँ कुछ ने हैं छला मोहे कुछ को मैं छल आया हूँ कुछ को मैं छल आया हूँ मुझे शिव से नहीं शिव में मिलना है मुझे शिव से नहीं शिव में मिलना है