रुआँ-रुआँ खिलने लगी है ज़मीं, ओ तेरी ही तो ख़ुशबू है ना कहीं, ओ मंद-मंद नीम बंद नैनों से कहीं, ओ आँके-बाँके तूने कहीं झाँका तो नहीं? सज़ा मिली है प्यार की क़ैदी हूँ बहार की बंदी बन के ही रहूँ मर्ज़ी है मेरे यार की रुआँ-रुआँ खिलने लगी है ज़मीं, ओ तेरी ही तो ख़ुशबू है ना कहीं, ओ मंद-मंद नीम बंद नैनों से कहीं आँके-बाँके तूने कहीं झाँका तो नहीं? ♪ फूलों पे शबनम हौले से उतरे जुगनूँ जलाए रोशनी के क़तरे जाऊँ जो चमन में, पंछी पुकारें "आ जा रे कोयल, आरती उतारें" चाँद ढूँढते हैं आसमाँ खोल के भूल गए बादल दिन है कि रात है आँखों में ख़्वाब ही ख़्वाब भरे हैं नींद नहीं आती रुआँ-रुआँ खिलने लगी है ज़मीं, ओ तेरी ही तो ख़ुशबू है ना कहीं, ओ मंद-मंद नीम बंद नैनों से कहीं, ओ आँके-बाँके तूने कहीं झाँका तो नहीं? सज़ा मिली है प्यार की क़ैदी हूँ बहार की बंदी बन के ही रहूँ मर्ज़ी है मेरे यार की सज़ा मिली है प्यार की क़ैदी हूँ बहार की बंदी बन के ही रहूँ मर्ज़ी है मेरे यार की