दिल तो ये चाहे हर पल तुम्हें हम बस यूँ ही देखा करें हो, मर के भी हम ना तुमसे जुदा हों आओ कुछ ऐसा करें मर ना जाऊँ कहीं होके तुमसे जुदा नज़र के सामने, जिगर के पास नज़र के सामने, जिगर के पास कोई रहता है, वो हो तुम (वो हो तुम) ♪ बेताबी क्या होती है, पूछो मेरे दिल से तन्हा-तन्हा लौटा हूँ मैं तो भरी महफ़िल से मुझमें समा जा आ, पास आजा, हमदम मेरे, हमनशीं दिल है कि मानता नहीं हो, दिल है कि मानता नहीं ♪ तेरी वफ़ाएँ, तेरी मोहब्बत, सब कुछ है मेरे लिए तूने दिया है नज़राना दिल का, हम तो हैं तेरे लिए Hmm, अब मुझे छोड़ के दूर जाना नहीं नज़र के सामने, जिगर के पास नज़र के सामने, जिगर के पास कोई रहता है, वो हो तुम ये बेक़रारी क्यूँ हो रही है? ये जानता ही नहीं हो, दिल है कि मानता नहीं