तेरे बिन जीने का मन तो नहीं है हमारे पास दूजा रास्ता नहीं शिकायत है मगर करते नहीं हम दुखाते दिल खामखा नहीं पता है जब नहीं मुजरिम मैं तेरा तुझे भी इल्म है कि तू खुदा नहीं भरी महफिल में हम हैं मुस्कुराये भरी महफिल में हम हैं मुस्कुराये वहाँ रोये जहाँ कोई देखता नहीं भरी महफिल में मुस्कुराये वहाँ रोये जहाँ कोई देखता नहीं मेरी बाहों से निकले तो नया हमदम बना बैठे मेरे दिल को तबाह करके किसी का घर सजा बैठे बड़ी कातिल अदाएं यार की हैं बताया जान लेकर ख़ुदखुशी है मुकर्रर क़त्ल की है जब सजाएं दिलों के कातिलों को क्यों सजा नहीं भरी महफिल में हम हैं मुस्कुराये भरी महफिल में हम हैं मुस्कुराये वहाँ रोये जहाँ कोई देखता नहीं भरी महफिल में मुस्कुराये वहाँ रोये जहाँ कोई देखता नहीं जब जब आईने से नजरे मिलाओगे तो खुद में दिखेगा तुम्हे इक बेवफा तेरा अंजाम है तेरी शुरआत है मैं तो हो चुका हूँ तुझे होना बर्बाद है चलो हम माफ़ कर देते हैं तुमको मिलेगा बद्दुआ में वो मजा नहीं भरी महफिल में हम हैं मुस्कुराये भरी महफिल में हम हैं मुस्कुराये वहाँ रोये जहाँ कोई देखता नहीं भरी महफिल में मुस्कुराये वहाँ रोये जहाँ कोई देखता नहीं