सुनो ना, कहे क्या सुनो ना दिल मेरा, सुनो ना, सुन लो ज़रा तेरी बाँहों में मुझे रहना है रात-भर तेरी बाँहों में होगी सुबह बे-इंतिहा (बे-इंतिहा), बे-इंतिहा यूँ प्यार कर (यूँ प्यार कर), बे-इंतिहा देखा करूँ सारी उमर (सारी उमर) तेरे निशाँ, बे-इंतिहा कोई क़सर ना रहे, मेरी ख़बर ना रहे छू ले मुझे इस क़दर, बे-इंतिहा जब साँसों में तेरी साँसें घुली तो फिर सुलगने लगे एहसास मेरे मुझसे कहने लगे हाँ, बाँहों में तेरी आ के जहाँ दो यूँ सिमटने लगे सैलाब जैसे कोई बहने लगे खोया हूँ मैं आग़ोश में तू भी कहाँ अब होश में मख़मली रात की हो ना सुबह बे-इंतिहा (बे-इंतिहा), बे-इंतिहा (बे-इंतिहा) यूँ प्यार कर (यूँ प्यार कर), बे-इंतिहा (बे-इंतिहा) ♪ गुस्ताख़ियाँ कुछ तुम करो कुछ हम करें इस तरह Hmm, शरमा के दो साए हैं जो मुँह फेर लें हम से यहाँ हाँ, छू तो लिया है ये जिस्म तूने, रूह भी चूम ले अल्फ़ाज़ भीगे-भीगे क्यूँ हैं मेरे? हाँ, यूँ चूर होके, मजबूर होके क़तरा-क़तरा कहे एहसास भीगे-भीगे क्यूँ हैं मेरे? दो बेख़बर भीगे बदन हो बेसबर भीगे बदन ले रहे रात-भर अंगड़ाइयाँ बे-इंतिहा (बे-इंतिहा), बे-इंतिहा (बे-इंतिहा) यूँ प्यार कर (यूँ प्यार कर), बे-इंतिहा देखा करूँ (देखा करूँ) सारी उमर (सारी उमर) तेरे निशाँ, बे-इंतिहा कोई क़सर ना रहे, मेरी ख़बर ना रहे छू ले मुझे इस क़दर, बे-इंतिहा